जब से मिला है तू खुदाई मिल गई है || jb se mila h tu khudai mil gyi hai
जब से मिला है तू -
खुदाई मिल गई है|
अब से सिला है तू ,
मेरी जिंदगी का मकसद बन गया है|
कब से सोचता हूं?
तब तन्हाई थी - और
मिलने से तुम्हारे
जुदाई मर गई है ,
जब से मिला है तू
खुदाई मिल गई है|
सांसो से जुड़ा है क्यों?
लम्हों में लम्हा
सबसे मिला-जुला है.., तू
कम से कम भरपाई कर दे
ना चाहे तो भले रुसवाई कर दे |
फिर भी दिला है तू दुनियादारी
कल से हंसा करूंगा मैं -
क्योंकि आज मेरी -
इन आंखों से ‘रुआई ’ उतर गई है |
जब से मिला .,.,,,,,,,,,,,,,,,,,.|